Goat Valley Yojana उत्तराखंड सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में बकरी पालन को बढ़ावा देना है। यह योजना 2021 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 10,000 बकरी इकाइयां स्थापित करना है। योजना के तहत, लाभार्थियों को बकरियां खरीदने, आवास बनाने और चारागाह विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्हें बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
Goat Valley Yojana राज्य में बकरी पालन को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित करने की एक बड़ी पहल है। यह योजना राज्य के किसानों की आय को बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोट वैली योजना का शुभारंभ किया। इस योजना में 11 हजार बकरियां पशुपालकों को दी जाएंगी और प्रत्येक पर्वतीय जिले में कलस्टर के माध्यम से 2 हजार बकरियां पशुपालकों को दी जाएंगी। पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोकने में योजना प्रभावी होगी। ग्रामिण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस योजना से स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे राज्य में पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय पशुपालकों को उनके क्षेत्र में ही काम मिलेगा।
उत्तराखंड में 60 मोबाइल पशु चिकित्सा योजनायों को हरी झंडी
16 नवंबर 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 60 मोबाइल पशु चिकित्सा योजनायों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन योजनायों का उद्देश्य राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में पशुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है।
इन मोबाइल पशु चिकित्सा योजनायों में प्रत्येक में एक पशु चिकित्सक, एक पशुधन सहायक और एक परिचारक होगा। इन योजनायों में पशुओं के टीकाकरण, उपचार, प्रजनन, और अन्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इन मोबाइल पशु चिकित्सा योजनायों के शुभारंभ से राज्य के पशुपालकों को काफी लाभ होगा। इन योजनायों के माध्यम से पशुओं को समय पर और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, जिससे पशुओं की मृत्यु दर में कमी आएगी और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों की आय में वृद्धि और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन मोबाइल पशु चिकित्सा योजनायों के माध्यम से राज्य के पशुपालकों को काफी लाभ होगा।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि इन मोबाइल पशु चिकित्सा योजनायों के माध्यम से राज्य के पशुपालकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
Goat Valley Yojana के बारें में
योजना का नाम | Uttarakhand Goat Valley Yojana |
किसके दवारा शुरू की गई | उत्तराखंड सरकार दवारा |
लाभार्थी | राज्य के नागरिक |
प्रदान की जाने वाली सहायता | लोगों को रोजगार से जोड़ना, बकरी पालन को वढावा देना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ ऑफ़लाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | ahd.uk.gov.in |
गोट वैली योजना 03 चरणो मे चलाई जाएगी|
प्रथम चरण:
- Goat Valley Yojana के पहले चरण में, 10,000 बकरी इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
- इन इकाइयों को राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित किया जाएगा।
- प्रत्येक इकाई में 10-20 बकरियां होंगी।
- लाभार्थियों को बकरियां खरीदने, आवास बनाने और चारागाह विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- उन्हें बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
द्वितीय चरण:
- Goat Valley Yojana के दूसरे चरण में, बकरी उत्पादों के लिए प्रसंस्करण और विपणन सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
- इन सुविधाओं के माध्यम से, बकरी उत्पादों को मूल्यवर्धित किया जाएगा और उन्हें बेहतर बाजार मूल्य पर बेचा जा सकेगा।
- यह बकरी पालकों की आय को बढ़ाने में मदद करेगा।
तृतीय चरण:
- Goat Valley Yojana के तीसरे चरण में, गोट वैली योजना को एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।
- इस चरण में, अन्य राज्यों के किसानों को भी गोट वैली योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
Goat Valley Yojana का उद्देश्य
Goat Valley Yojana का उद्देश्य:
गोट वैली योजना उत्तराखंड सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में बकरी पालन को बढ़ावा देना है। यह योजना 2021 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 10,000 बकरी इकाइयां स्थापित करना है।
योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- किसानों की आय में वृद्धि: यह योजना किसानों को बकरी पालन के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।
- रोजगार सृजन: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
- बकरी पालन को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित करना: यह योजना बकरी पालन को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित करने में मदद करेगी।
- बकरी उत्पादों की उपलब्धता में वृद्धि: यह योजना दूध, मांस और चमड़े जैसे बकरी उत्पादों की उपलब्धता में वृद्धि करेगी।
- पर्यावरण संरक्षण: यह योजना राज्य के पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
Goat Valley Yojana के लिए पात्रता
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
- आवेदक को बकरी पालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए तैयार होना चाहिए।
- आवेदक को योजना के तहत निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन करने के लिए तैयार होना चाहिए।
Goat Valley Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज
आवश्यक दस्तावेज:
- आवासीय प्रमाण पत्र
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र
- बकरी पालन का अनुभव प्रमाण पत्र
- अन्य आवश्यक दस्तावेज
Uttarakhand Goat Valley Yojana के लाभ
Goat Valley Yojana के लाभ:
उत्तराखंड गोट वैली योजना राज्य में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना किसानों और पशुपालकों को कई लाभ प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
आर्थिक लाभ:
- आय में वृद्धि: बकरी पालन किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत हो सकता है। बकरियों का दूध, मांस और चमड़ा बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है।
- रोजगार सृजन: बकरी पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- गरीबी उन्मूलन: बकरी पालन गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सामाजिक लाभ:
- पोषण: बकरी का दूध और मांस पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
- स्वरोजगार: बकरी पालन किसानों और पशुपालकों को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करेगा।
- महिला सशक्तिकरण: बकरी पालन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा।
पर्यावरणीय लाभ:
- भूमि संरक्षण: बकरियां चराई के दौरान खरपतवारों को खाती हैं, जिससे भूमि संरक्षण में मदद मिलती है।
- जल संरक्षण: बकरियां कम पानी पीती हैं, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलती है।
- जैव विविधता: बकरियां विभिन्न प्रकार के पौधों को खाती हैं, जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है।
योजना के तहत लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- बकरियां खरीदने के लिए वित्तीय सहायता: लाभार्थियों को बकरियां खरीदने के लिए 50% से 60% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता: लाभार्थियों को बकरी आवास बनाने के लिए 25% से 30% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- चारागाह विकास के लिए वित्तीय सहायता: लाभार्थियों को चारागाह विकसित करने के लिए 25% से 30% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- प्रशिक्षण: लाभार्थियों को बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
Goat Valley Yojana की मुख्य विशेषताऐं
- सवसे पहले आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट पे जाना होगा|
- उसके बाद आपको गोट वैली योजना के लिंक पे किलक करना है|
- अब आपके सामने योजना का आवेदन फॉर्म खुल जाएगा|
- इस फॉर्म को आपको ध्यानपूर्वक भरना होगा, और जरूरी दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे|
- सारी प्रक्रिया हो जाने के बाद आपको अंत मे Submit के बटन पे किलक कर देना है|
- इस तरह आपके दवारा योजना के अंतर्गत सफलतापूर्वक आवेदन कर दिया जाएगा|
Goat Valley Scheme Helpline Number
Goat Valley Yojana के लिए हेल्पलाइन से सबंधित जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पे जाकर प्राप्त की जा सकती है |